जवानी की प्यास सेक्स कहानी ठंड में गरमा गरम (thandi me garma garam chudai)

October 18, 2025

मैं मोहित, 28 साल का हूँ, 5 फुट 10 इंच का, गठीला बदन, गेहुंआ रंग, और छोटी-छोटी दाढ़ी जो मुझे थोड़ा रफ लुक देती है। मेरे बाल घने और काले हैं, और मैं हमेशा कैज़ुअल टी-शर्ट और जींस में रहता हूँ। मैं एक IT कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ, और मेरी ज़िंदगी ज़्यादातर लैपटॉप और कॉफी के इर्द-गिर्द घूमती है। मैं अपने कंपनी के पास वाले फ्लैट में अकेला रहता हूँ, जहाँ मेरा दिन काम, नेटफ्लिक्स, और कभी-कभी दोस्तों के साथ बियर पीने में बीतता है। मैं थोड़ा शर्मीला हूँ, पर जब बात बनती है, तो मज़ाक और फ्लर्टिंग में भी पीछे नहीं हटता।

मेरे फ्लैट के बगल में एक दूसरा फ्लैट है, जहाँ कुछ लड़कियाँ रहती हैं। उनमें से एक है अंकिता, 26 साल की, 5 फुट 4 इंच, गोरा रंग, और फिगर ऐसा कि किसी का भी दिल धड़क जाए – 34-26-36। उसके लंबे, रेशमी बाल कमर तक लहराते हैं, और उसकी आँखें, भूरी और गहरी, जैसे कुछ ना कुछ कहती रहती हैं। वो हमेशा टाइट टॉप्स और जींस या शॉर्ट्स पहनती है, जिससे उसकी गोल गाँड और भरे हुए बूब्स साफ दिखते हैं। अंकिता की स्माइल में एक शरारत भरी चमक है, और उसकी आवाज़ इतनी सॉफ्ट है कि सुनते ही कुछ-कुछ होने लगता है। वो भी किसी कंपनी में काम करती है, पर मुझे कभी पता नहीं चला कि कहाँ।

ये बात दीवाली की छुट्टियों की है। मेरी कंपनी में कुछ पेंडिंग प्रोजेक्ट्स थे, और मैंने सोचा कि घर जाने से अच्छा यहीं रुककर काम निपटा लूँ। लेकिन सच कहूँ, मुझे थोड़ा अकेलापन भी चाहिए था। घर जाकर मम्मी के “शादी कब करेगा?” वाले सवालों से बचना था। सोचा, यहीं रहकर ठंडी की रातों में थोड़ा चिल करूँगा, कोई हॉट सीरीज़ देखूँगा, और शहर में घूम लूँगा।

एक दोपहर, मैं अपने फ्लैट के हॉल में सोफे पर लेटा था। बाहर हल्की ठंड थी, और मैं ब्लैंकेट में दुबककर गहरी नींद में था। अचानक डोर बेल बजी। मैं झटके से उठा, आँखें मलते हुए, सोचता हुआ कि कौन आ गया। शर्ट भी नहीं पहनी थी, बस एक पुरानी टी-शर्ट और ट्रैक पैंट में था। दरवाज़ा खोला तो सामने अंकिता खड़ी थी। उसने टाइट ब्लैक टॉप और नीली जींस पहनी थी, और उसका फिगर इतना हॉट लग रहा था कि मेरी नींद एकदम गायब।

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वो मुस्कुराई और बोली, “मोहित, मेरे फ्लैट में लाइट की प्रॉब्लम है। कुछ देख सकते हो?” उसकी आवाज़ में एक अजीब सी मिठास थी। मैंने जल्दी से बिस्तर से शर्ट उठाई और उसके पीछे चल दिया। आधी नींद में था, पर उसकी गाँड का हिलना और उसकी परफ्यूम की ख़ुशबू मुझे जगा रही थी। उसके फ्लैट में गया, मेन स्विच चेक किया – सब ठीक। फिर इलेक्ट्रिक पैनल देखा, एक MCB नीचे था। उसे ऊपर किया, और लाइट आ गई।

अंकिता ने राहत की साँस ली और बोली, “अरे, बस इतनी सी बात थी? थैंक्स, मोहित!” उसकी स्माइल में कुछ था जो मेरे दिल को छू गया। मैंने कहा, “कोई बात नहीं। वैसे, तुम घर नहीं गई?” वो बोली, “नहीं, मेरे सारे फ्रेंड्स चले गए। मैं अकेली रह गई। तुम भी तो यहीं हो?” मैंने हँसकर कहा, “हाँ, कुछ काम बाकी है, सो रुक गया।” वो फिर मुस्कुराई, और मैं वापस अपने फ्लैट आ गया।

नहा-धोकर फ्रेश हुआ, और सोचा अब छुट्टी का मज़ा लूँ। रात 11 बजे तक बाहर घूमा, एक ढाबे पर खाना खाया, और थककर वापस आया। ठंडी की रात थी, मैंने ब्लैंकेट ओढ़ा और लैपटॉप पर एक हॉट वेब सीरीज़ लगाई। सीन इतना गरम था कि मेरा लंड धीरे-धीरे टाइट होने लगा। तभी फिर से डोर बेल बजी। मैंने सोचा, इतनी रात को कौन? दरवाज़ा थोड़ा खोला तो अंकिता थी!

उसने डीप नेक रेड टॉप और छोटी सी शॉर्ट्स पहनी थी। उसकी गोरी टाँगें चमक रही थीं, और टॉप से उसके बूब्स के शेप साफ़ दिख रहे थे। वो बोली, “मोहित, अंदर आ सकती हूँ?” मैंने कहा, “हाँ, आजा।” वो अंदर आई, और मैंने दरवाज़ा बंद किया। उसकी आँखों में एक अलग सी चमक थी, जैसे वो कुछ चाहती हो। वो सोफे पर बैठी और बोली, “तुम यहाँ अकेले रहते हो?” मैंने कहा, “हाँ, बस मैं ही।” वो हँसी और बोली, “कोई गर्लफ्रेंड नहीं?” मैंने मज़ाक में कहा, “नहीं, अभी तक कोई पकड़ में नहीं आई।”

वो थोड़ा रुकी, फिर सीधे पूछा, “मोहित, तुमने कभी चुदाई की है?” मैं तो सुनके सन्न। दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। मैंने कहा, “हाँ, की है।” उसने मेरी आँखों में देखा और बोली, “मुझे पसंद करते हो?” मैंने कहा, “अंकिता, तू तो इतनी हॉट है, कौन नहीं पसंद करेगा?” वो पास आई, और बोली, “तो आज रात मेरे साथ चुदाई करेगा?” मेरा लंड तो पहले ही टाइट था, अब और सख्त हो गया। मैंने बस “हाँ” कहा।

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वो बोली, “तो फिर कपड़े उतार!” मैंने जल्दी से टी-शर्ट और ट्रैक पैंट उतार दी। अब सिर्फ़ अंडरवेयर में था, और मेरा लंड उसे सलामी दे रहा था। उसने अपना टॉप उतारा, और उसकी ब्लैक ब्रा में उसके बूब्स जैसे बाहर आने को बेताब थे। फिर शॉर्ट्स और पैंटी उतारी। उसका गोरा बदन, टाइट निप्पल्स, और हल्के बालों वाली चूत – मैं तो बस देखता रह गया।

वो मेरे पास आई, मेरे गालों को छुआ, फिर मेरी छाती पर हाथ फेरा, और फिर मेरा लंड पकड़ लिया। उसका हाथ इतना गर्म था कि मैं सिहर गया। उसने थूक लगाकर मेरे लंड को सहलाना शुरू किया। मैंने कहा, “अंकिता, तू तो आग है।” वो हँसी और बोली, “अभी तो बस शुरूआत है।” उसने अपनी ब्रा और पैंटी उतार दी, और अब वो बिल्कुल नंगी थी। मैंने उसे बाँहों में भरा और उसके होंठों पर किस किया। उसकी जीभ मेरी जीभ से टकराई, और उसकी गर्म साँसें मेरे चेहरे पर लग रही थीं।

मैंने उसकी गर्दन चाटी, उसके कानों को चूसा, और फिर उसके बूब्स पकड़ लिए। वो सिसकारियाँ लेने लगी, “आह, मोहित, और ज़ोर से दबा!” मैंने उसके निप्पल्स चूसे, उन्हें हल्के से काटा, और वो पागलों की तरह सिसक रही थी। फिर मैं नीचे गया, उसकी चूत के पास। उसने एक टाँग मेरे कंधे पर रखी। उसकी चूत गीली थी, और उसकी ख़ुशबू मुझे पागल कर रही थी। मैंने जीभ लगाई और चूसना शुरू किया। वो चिल्लाई, “आह, मोहित, और चूस, फाड़ दे मेरी चूत!” मैंने उसकी चूत के दाने को चूसा, और वो मेरे सिर को ज़ोर से दबाने लगी।

कुछ मिनट बाद वो झड़ गई, और उसका पानी मेरे मुँह में आ गया। वो नीचे आई, मुझे किस किया, और बोली, “चल, बेडरूम में।” बेडरूम में मैंने उसे बिस्तर पर लिटाया। मैं उसके ऊपर चढ़ा, उसके बूब्स चूसते हुए उसकी चूत को रगड़ने लगा। मैंने कहा, “मेरा लंड चूस।” उसने मना किया, पर मैंने हल्के से ज़ोर दिया और मेरा लंड उसके मुँह में डाल दिया। वो धीरे-धीरे चूसने लगी, और मैंने उसके मुँह को चोदा। जब मेरा निकलने वाला था, मैंने सारा माल उसके मुँह में छोड़ दिया।

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अब असली चुदाई की बारी थी। मैंने उसकी चूत फैलाई, मेरा लंड उसकी चूत पर रखा, और एक ज़ोर का धक्का मारा। वो चिल्लाई, “आह, मोहित, धीरे!” पर मैंने स्पीड बढ़ा दी। वो भी मज़ा लेने लगी, अपनी गाँड उठाकर मेरा साथ देने लगी। उसकी सिसकारियाँ, “आह, और ज़ोर से, फाड़ दे मेरी चूत!” कमरे में गूँज रही थीं। मैंने उसे अपने ऊपर बिठाया, और वो मेरे लंड पर उछलने लगी। उसके बूब्स मेरे मुँह के सामने हिल रहे थे।

रात के एक बज चुके थे। मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया, उसकी गाँड के पीछे से लंड डाला, और फुल स्पीड में चोदा। वो तकिया पकड़कर चिल्ला रही थी, “मोहित, और ज़ोर से!” वो चार बार झड़ चुकी थी। मेरा भी निकलने वाला था। मैंने उसे सीधा किया, और उसके बूब्स पर सारा माल छोड़ दिया। हम लिपटकर लेट गए, मेरी उंगलियाँ उसकी चूत में थीं।

पूरी छुट्टी में हमने कई बार चुदाई की, हर बार नया मज़ा। ये थी मेरी ठंड में गरमा गरम कहानी।

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